बार-बार परेशान करने वाले सर्दी-जुकाम से तुरंत राहत मिल जाएगी, आसान प्राकृतिक उपचार

बार-बार परेशान करने वाले सर्दी-जुकाम से तुरंत राहत मिल जाएगी, आसान प्राकृतिक उपचार

सेहतराग टीम

सर्दी जुकाम एक ऐसी बीमारी है जो वायरस के संक्रमण के कारण होती है। यह अन्य रोगों की तुलना में अधिक बार देखने में आता है। एक व्यक्ति औसतन वर्ष में तीन बार इस रोग से पीड़ित होता है। सर्दी-जुकाम सामान्यता तीन से दस दिनों तक रहता है। पहले तीन दिनों तक रोगी बहुत परेशान रहता है। वैसे आजकल बदलते मौसम और पॉल्यूशन के कारण नाक बहना, छींक आना, भुखार, सिर दर्द, गला दर्द, ठंड, शरीर में दर्द तथा भूख की कमी जैसी समस्याएं आम बात है। ऐसे में इन समस्याओं के होने  पर बार-बार दवा का सहारा भी नहीं लिया जा सकता है। क्योंकि ज्यादा दवा के इस्तेमाल के भी साइड इफ़ेक्ट होते हैं। ऐसे में कुछ प्राकृतिक उपचार हैं जिनसे बार-बार होने वाले सर्दी-जुकाम से राहत पायी जा सकती है।

प्राकृतिक उपचार के उपाय:

  1. सर्दी-जुकाम का एकमात्र वास्तविक उपचार उपयुक्त आहार है। उपचार शुरू करने के लिए रोगी को दो या तीन दिनों तक रसों के आहार पर रखना चाहिए। इस अवधि में फलों के रस को हलके गरम पानी के साथ आधा-आधा मिलाकर लेना चाहिए। इसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं लेना चाहिए। यह रक्त की अम्ल को अवस्था को समाप्त करके गुर्दों को साफ कर देगा। विशेषकर अनानास का रस बहुत ही लाभदायक है। इस अवधि में आंतों की सफाई के लिए रोज हल्के गरम पानी का एनीमा देना चाहिए।
  2. इस रस उपवास के बाद तीन दिनों के लिए ताजे फलों का आहार लेना चाहिए। इस प्रक्रिया में रोगी को सेब, नाशपाती, अंगूर, चकोतरा, नारंगी, अनानास, आडू, तरबूज या अन्य रसीले मौसमी फलों का दिन में तीन बार सेवन करना चाहिए।
  3. पूर्ण फलाहार के बाद रोगी को धीरे-धीरे पूर्ण संतुलित आहार की तरफ बढ़ना चाहिए। कुछ दिनों के लिए मांस, मछली, अंडा, पनीर और स्टार्च-युक्त भोजन से दूर रहना चाहिए।
  4. रोगी को शरीर के लिए आवशयक सभी खनिज तथा विटामिनों से युक्त भोजन लेकर अपनी प्रणाली को मजबूत रखना चाहिए। इन पोषक तत्वों में सबसे पहला स्थान विटामिन 'सी' का है। यह संक्रमण से बचाव करता है और एक हानिरहित एंटीबायोटिक का काम करता है। यह खट्टे फलों, हरी पत्तेदार सब्जियों, अंकुरित दालों इत्यादि में पाया जाता है।
  5. सर्दी जुकाम के लिए सबसे उपयोगी घरेलु उपचार है। नींबू। विटामिन 'सी' से भरपूर नींबू का रस प्रतिरोधी क्षमता बढ़ाता है। विष को कम करता है और बीमारी की अवधि को घटाता है। इसे एक चम्मच गुनगुने पानी में एक चम्मच शहद मिलाकर लेना चाहिए। यह जुकाम तथा सूखी खांसी के लिए आदर्श उपचार है।
  6. लहसुन का सूप जुकाम की तीव्रता को कम करने का एक प्राचीन उपचार है। लहसुन में अन्य चिकित्सीय गुणों के अलावा एंटीसेप्टिक तथा एंटीस्पेज्मोडिक (संकुचन रोधी ) गुण होते हैं। लहसुन का परिवर्तन शील तेल श्वसन मार्ग को खोलने मस मदद करता है। सूप के रूप में लहसुन प्रणाली से सारे विषों को बाहर कर देता है। इस प्रकार यह बुखार को कम करता है। लहसुन के रस के साथ प्याज के रस में पानी मिलाकर दिन में कई बार लेने से सर्दी जुकाम में काफी लाभ होता है।
  7. अपने एंटीसेप्टिक गुणों के साथ हल्दी भी जुकाम और गले की जलन में काफी लाभदायक होती है। 30 ग्राम हलके गरम दूध में आधा चम्मच हल्दी मिलकर लेना चाहिए। हल्दी को एक गरम कलछी में रखना चाहिए। इसके बाद उसमें दूध डालना चाहिए और धीमी आंच पर उबालना चाहिए।
  8. यदि शरीर को ठंडे वातावरण में निकले बिना गरम पानी से स्नान किया जाए तो यह सीने और नासिका मेंब्रेनों में संकुचन को काफी कम करता है। सीने तथा सिर की सर्दी के उपचार में गरम पैक या सिंकाई उत्तम होती है। स्टीम बाथ जैसे और तरीकों से नहाना बहुत ही लाभदायक होता है। नमक मिले गरम पानी से गरारे करने पर गले के दर्द में काफी राहत मिलती है।
  9. सर्दी जुकाम के इलाज के लिए अन्य उपयोगी उपाय हैं हल्का सूर्य-स्नान, ताजा हवा में गहरी सांस लेना, तेज-तेज टहलना, अच्छी नींद और मौसम परिवर्तनों अपनाना। भुजंगासन, शलभासन, धनुरासन और योगमुद्रा सर्दी-जुकाम के उपचार में उपयोगी होते हैं।

(यह आलेख डॉ. हरिकृष्ण बाखरु द्रवारा लिखी गयी किताब रोगों का प्राकृतिक उपचार से लिया गया है)

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